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गाहे गाहे बस अब यही हो क्या
तुमसे मिल कर बहुत खुशी हो क्या
मिल रही हो बड़े तपाक के साथ
मुझको यक्सर भुला चुकी हो क्या
याद हैं अब भी अपने ख्वाब तुम्हे
मुझसे मिलकर उदास भी हो क्या
बस मुझे यूँही एक ख्याल आया
सोचती हो तो सोचती हो क्या
अब मेरी कोई जिंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी जिंदगी हो क्या
क्या कहा इश्क जाविदानी है
आखरी बार मिल रही हो क्या
हाँ फज़ा यहां की सोई सोई सी है
तो बहुत तेज रौशनी हो क्या
मेरे सब तंज बेअसर ही रहे
तुम बहुत दूर जा चुकी हो क्या
दिल में अब सोजे इंतज़ार नहीं
शमे उम्मीद बुझ गयी हो क्या