13.1 C
Delhi
Monday, December 23, 2024

Buy now

Adsspot_img

क्या हुए आशिक़ उस शकर-लब के / ‘ऐश’ देलहवी

- Advertisement -

क्या हुए आशिक़ उस शकर-लब के
ताने सहने पड़े हमें सब के

भूलना मत बुतों की यारी पर
हैं ये बद-केश अपने मतलब के

क़ैस ओ फ़रहाद चल बसे अफ़सोस
थे वो कम-बख़्त अपने मशरब के

शैख़ियाँ शैख़ जी की देंगे दिखा
मिल गए वो अगर कहीं अब के

याद रखना कभी न बचिएगा
मिल गए आप वक़्त गर शब के

उस में ख़ुश होवें आप या ना-ख़ुश
यार तो हैं सुना उसी ढब के

यार बिन ‘ऐश’ मय-कशी तौबा
है ये अपने ख़िलाफ़ मज़हब के

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
14,700SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles