कुमार विश्वास बाेले- पाकिस्तान पर क्यों लिखूं कविता, सन् 47 से पहले नहीं था, आज है, कल नहीं रहेगा

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कुरुक्षेत्र. गीता महोत्सव के चौथे दिन सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्घ कवि डाॅ. कुमार विश्वास और गजेन्द्र सोलंकी ने पर्यटकों को खूब गुदगुदाया। महोत्सव को हास्य, वीर और धार्मिक रस से सराबोर किया। पहली बार गीता महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे कुमार ने जहां गीता का गुणगान किया। वहीं हास्य व्यंग्य से तालियां भी बटोरी। महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा, सांसद नायब सैनी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज समेत कई अतिथि रहे।

कवि डाॅ. कुमार विश्वास ने कहा कि आज गीता के उपदेशों की सर्वाधिक आवश्यकता है। नई परिभाषा नए तरीके से भगवान श्रीकृष्ण के मार्ग पर चलने की जरुरत है। युवाओं को गीता के उपदेशों का मनन करने की जरुरत है। सभी धर्मों और जातियों को गीता ग्रहण करनी चाहिए। कहा कि हैदराबाद में दुष्कर्म के चार अपराधियों को मारना एक सरानीय घटना है। इस घटना से न्यायिक व्यवस्था से आम आदमी का विश्वास बढ़ गया है।

हम वहीं जो रोशनी रखते हैं, उन उजालों का यहीं पैगाम ले आएं हैं हम, हम हैं देसी, मगर हर देश में छाए हैं, कविता से वाहवाही लूटी। एशिया के हम परिंदे,आसमा है हद हमारी, से खूब जोश भरा। कुरुक्षेत्र में खड़ा होकर कृष्ण का पता बता रहा हूं: तुम्हें ये जग ढूंढता है मोहन-मगर इसको खबर नहीं, अगर कहीं हो तो तुम यहीं से माहौल को भक्ति रस से भरा। बीच बीच में हास्य भरी बातों से गुदगुदाया। कहा कि गुजरात में राहुल का सिस्टम ठीक चल रहा था, तभी कहीं से मणिशंकर प्रकट हो गए। बोले कि पाकिस्तान पर क्यों लिखूं कविता, मैं प्रेम का कवि हूं।

प्रेम सदा रहेगा, पाकिस्तान सन 47 से पहले नहीं था। आज है, कल रहेगा नहीं। दिल्ली एक्सपेंडिंग टू लाहौर। वहीं सोनिया गांधी, पीएम मोदी, राहुल गांधी को लेकर भी व्यंग्य कसा। खानपान को लेकर भी तंज कसा, कहा कि पिज्जा बर्गर वाले नहीं जानते कि सरसों के साग व मक्का की रोटी का स्वाद क्या है। एक बार अमेरिका गया था। वहां वेजिटेबल फूड मांगा। वहां मांस का टुकड़ा निकाल कर ऐसेकहा कि ये लो वेजिटेबल फूड। जब वह अमेरिकी यहां आया तो फास्ट फूड मांगा, तो मैंने भी सत्तू निकाल कर पिला दिया।

 

Source Bhaskar.com

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